Breakup Shayari in Hindi 2022 - Everything you need, sad and broken heart? check out latest breakup Shayari collection. It will help you to express your feelings on Social Media. Go for it!
1. तेरी अब कोई चाहत ना रही, ज़िन्दगी अब तेरी हमे जरूरत नही रही, हमने खुद ही पोछ लिए तेरे इंतज़ार में आये आँसू, अब तेरे होने की ओर ख्वाहिश ना रही|
2. बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी, आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान ए ख़ास हो तुम|
3. कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको फराज़, दिल जो टुटा तो नसे से मोहब्बत हो गयी|
4. मुझे किसी के बदल जाने का गम नही, बस कोई था, जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था|
5. डूबी हे मेरी उंगलिया खुद अपने लहू में, ये कांच के टुकडो को उठाने की सजा हे|
6. हम वफा की दुनिया के बादशाह हे, हमारी रियासत में बेवफा को मुजरा|
7. करने की भी इजाजत नही मिलती, फिर चाहे वो रानी हो या राजकुमारी|
8. हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको, मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली|
9. लगाकर आग़ सीने में, कहाँ चले हो तुम हमदम? अभी तो राख़ उडने दो, तमाशा और भी होगा|
10. नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले|
11. तौहीन न करना कभी कह कर कड़वी शराब की किसी ग़मजदा से पूछियेगा इसमें कितनी मिठास है|
12. एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह|
13. तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ|
14. तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा, वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नही|
15. मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता|
16. मेरे क़दमों में पूरी कायनात भी रख दी गई थी, ए बेवफा हमने तब भी तुम्हारी यादों का सौदा नहीं किया|
17. यू ही मिले थे वो हमे अंजान बनकर, दिल मे मेरे बस गये पहचान बनकर|
18. जाना नही था फिर भी वो दुर चली गयी, आज मिली भी तो किसी से नाम का सिंधुर बनकर|
19. तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा, वरना तू सुर्खियों में रहे, तेरी इतनी औकात नहीं|
20. कास के वो लोट आये मुझसे ये कहने, की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले|
21. समझ न सके उन्हें हम, क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे, अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे, वो दिल तोड़ने के लिए मशहूर थे|
22. गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तल्बगार थे, अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नही करेंगे|
23. लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती|
24. यूही किसी की याद मे रोना फ़िज़ूल है, इतने अनमोल आसू खोना फ़िज़ूल है, रोना है, तो उनके लिये जो हम पे निसार है, उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है|
25. पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्योकि इंसान थे हम, आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं, कभी उसी सक़्स की जान थे हम|
26. ना मुस्कुराने को जी चाहता है, ना आंसू बहाने को जी चाहता है, लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में, बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है|
27. सब ने चाहा कि उसे हम ना मिलें, हम ने चाहा उसे ग़म ना मिलें, अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर, तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें|
28. आप हमारे लिए एक फूल है, जिसे तोड़ भी नहीं सकते और छोड़ भी नहीं सकते, क्योंकि तोड़ दिया तो मुरझा जाएगा, और छोड़ दिया तो कोई और ले जाएगा|
29. दिल तो कहता है कि छोड़ जाऊं ये दुनियां हमेशा के लिए, फिर ख्याल आता है कि वो नफरत किस से करेंगे मेरे चले जाने के बाद|
30. काश कि वो लौट के आयें मुझसे ये कहने, कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले|
31. धोखा दिया था जब तूने मुझे, जिंदगी से मैं नाराज था, सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं, मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था|
32. दिल टूटा तो एक आवाज आई, चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई, सोचा क्या होगा इस खाली दिल में, लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई|
33. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको, किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको, पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा, अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको|
34. तुम्हारे प्यार में हम बैठें हैं चोट खाए, जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये, फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ, हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये|
35. वो मुझे भूल ही गया होगा, इतनी मुदत कोई खफा नहीं रहता|
36. दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया, खाली ही सही हाथों में जाम तो आया, मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने, यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया|
37. अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़, वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे|
38. मुझे मालूम है मैं उसके बिना जी नहीं सकती, उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये|
39. तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है, मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते हैं|
40. वो जिसे समझती थी ज़िन्दगी, मेरी धड्कनों का फरेब था| मुझे मुस्कुराना सिखा के, वो मेरी रूह तक रुला गयी|
41. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती|
42. जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये|
43. चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे, अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे, हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के, हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे|
44. जनाजा मेरा उठ रहा था, फिर भी तकलीफ थी उसे आने में, बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी, और कितनी देर है दफनाने में|
45. इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ, कुछ वो बेवफा हो गए|
46. मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं, मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी|
47. समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी|
48. मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी|
49. इंसान तो हर घर में पैदा होता है पर इंसानियत कहीं कहीं ही जनम लेती है|
50. शिकवा तकदीर का ना शिकायत अच्छी, खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी|
51. हर एक चीज़ में खूबसूरती होती है , लेकिन हर कोई उसे देख नहीं पाता|
52. सालो बाद मिले थे, हम एक दूसरे से, उसकी गाडी बड़ी थी और मेरी दाढ़ी|
53. लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कल एक खुराक तेरे दीदार की चाहिए|
54. मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखता हूँ, मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहज़े याद रखता हूँ, जरा सा हट के चलता हूँ, ज़माने की रवायत से जो सहारा देते हैं वो कन्धे हमेशा याद रखता हूँ|
55. भटकती फिरती है मोहब्बत हवस के नाम पर दो रूहो का मिलन देखे जमाना बीत गया|
56. रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं, प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं, इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं|
57. आदत नई हमे पीठ पीछे वार करने की, दो शब्द कम बोलते है पर सामने बोलते है|
58. उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा|
59. कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया| कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया|
60. जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है, जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है| इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है, वो अमानत अक्सर किसी और की होती है|
61. लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है|
62. क़दर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं, दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है|
63. ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी| धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा|
64. बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी| वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है|
65. प्यार में सबसे बड़ा खुशनसीब वह, जो झुक जाए और सबसे बड़ा बदनसीब वह जो अकड़ जाए|
66. इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा| मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि, आज आयेगा कोई पैगाम तेरा|
67. तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं| ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं|
68. अब जो मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर देना, मैं जैसा पहले था मुझे फिर से वैसा कर देना|
69. हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं, कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है|
70. तुम लाख छुपाओ सीने में एहसास हमारी चाहत का| दिल जब भी तुम्हारा धड़का है आवाज यहां तक आई है|
71. तू ज़ुल्म कहॉं तक ढायेगा देखें किस हद तक जायेगा| हॉं झूठ फ़ना होगा इक दिन और सच का अलम लहरायेगा|
72. जिन्दगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा ही रह गया, हम सीख न पाये फरेब और दिल बच्चा ही रह गया|
73. मुस्करा कर देखो तो सारा जहा रंगीन है| वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है|
74. उदासी, शाम, तन्हाई, यादे, बेचैनी मुझे सब सौंपकर सुरज उतर जाता है पानी मे|
75. सौ दर्द हैं महोब्बत में बस एक राहत हो तुम| नफ़रतें बहुत हैं जहाँ में बस एक चाहत हो तुम|
76. एक तेरा नाम लेते ही मेरे चेहरें पर मुस्कान आ जाती है| मै कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हूं, मेरी जान में जान आ जाती है|
77. वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है| न रोते थे कभी काँटों की चुभन से, आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है|
78. शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को| कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए तेरे एक नाम को|
79. हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन, अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को|
80. मुझ पर अपना इश्क यूँ ही उधार रहने दे| बड़ा हसीन है ये कर्ज मुझे अपना कर्जदार रहने दे|
81. तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता| वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता|
83. मैंने सोचा था समझोगे तुम मेरे हालात| लेकिन तुमनें तो ख़्यालात ही बदल दिए|
84. कोई खबर नही उनकों, क्या हम पर गुज़री है अकेले तन्हा तन्हा रातेंदर्द बन कर सीने से उतरी है|
85. एक खता हुई है हमसें, जो तेरा दीदार कर लिया| दुसरा तो गुनाह ही हो गया, जो तुमसें ही प्यार कर लिया|
86. हमने ये नहीं कहा की उसके लिए कोई दुआ मांगे| बस इतना कह्ते है की दुआ में कोई उन को न मांगे|
87. मेरी बर्बादी पर तो कोई मलाल न करना, भूल जाना मेरा ख्याल न करना| हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न आढ़ लेंगे, पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना|
88. है अगर हमारी कोई खता तो साबित कर, अगर बुरे हैं हम तो बुरा साबित कर| तुझे चाहा है हमने कितना तो किया जाने, चल हम बेवफा ही सही तो अपनी वफ़ा साबित कर|
89. यूँ तो हर दिल में एक कशिश होती है| हर कशिश में एक खुवाहिश होती है| मुमकिन नहीं सभी के लिए ताज महल बनाना| लेकिन हर दिन में एक मुमताज़ हिती है|
90. तेरे ख्यालों से धड़कन को छुपा के देखा है, दिल और नजर को बोहुत रुला के देखा है| तेरी कसम तो नहीं तो कुछ नहीं, क्यूंकि मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है|
91. ज़िन्दगी में प्यार का पौदा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती|
92. कभी यादें कभी आँखों में पानी भेज देता है, वो खुद आता नहीं अपनी निशानी भेज देता है|
93. इस दौर में अहसास ए वफ़ा ढूँढने वालो, सेहरा में कहाँ मिलते हैं दीवार के साए|
94. तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर, डूब कर भी तेरे दरिया से मैं प्यासा निकला|
95. मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा, हमें तो कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा, आप तो डर गए हमारी एक ही अदा से, हमें आपकी कसम देकर हजारों ने लूटा|
96. हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को, जो था आइने से नाज़ुक मगर था संगदिल|
97. गजब का प्यार था, उसकी उदास आँखो में, महसूस तक ना होने दिया कि वो छोड़ने वाला है|
98. तू नहीं तो ये नज़ारा भी बुरा लगता है, चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है| ला के जिस रोज़ से छोड़ा है तुने भवँर में मुझको, मुझको दरिया का किनारा भी बुरा लगता है|
99. इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है, तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है|
100. कुछ रिश्तों को कभी भी नाम ना देना तुम, इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम ना देना तुम, ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में, कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम ना देना तुम|
Breakup Shayari in Hindi 2022
2. बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी, आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान ए ख़ास हो तुम|
3. कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको फराज़, दिल जो टुटा तो नसे से मोहब्बत हो गयी|
4. मुझे किसी के बदल जाने का गम नही, बस कोई था, जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था|
5. डूबी हे मेरी उंगलिया खुद अपने लहू में, ये कांच के टुकडो को उठाने की सजा हे|
6. हम वफा की दुनिया के बादशाह हे, हमारी रियासत में बेवफा को मुजरा|
7. करने की भी इजाजत नही मिलती, फिर चाहे वो रानी हो या राजकुमारी|
8. हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको, मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली|
9. लगाकर आग़ सीने में, कहाँ चले हो तुम हमदम? अभी तो राख़ उडने दो, तमाशा और भी होगा|
10. नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले|
11. तौहीन न करना कभी कह कर कड़वी शराब की किसी ग़मजदा से पूछियेगा इसमें कितनी मिठास है|
12. एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह|
13. तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ|
14. तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा, वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नही|
15. मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता|
16. मेरे क़दमों में पूरी कायनात भी रख दी गई थी, ए बेवफा हमने तब भी तुम्हारी यादों का सौदा नहीं किया|
17. यू ही मिले थे वो हमे अंजान बनकर, दिल मे मेरे बस गये पहचान बनकर|
18. जाना नही था फिर भी वो दुर चली गयी, आज मिली भी तो किसी से नाम का सिंधुर बनकर|
19. तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा, वरना तू सुर्खियों में रहे, तेरी इतनी औकात नहीं|
20. कास के वो लोट आये मुझसे ये कहने, की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले|
21. समझ न सके उन्हें हम, क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे, अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे, वो दिल तोड़ने के लिए मशहूर थे|
22. गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तल्बगार थे, अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नही करेंगे|
23. लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती|
24. यूही किसी की याद मे रोना फ़िज़ूल है, इतने अनमोल आसू खोना फ़िज़ूल है, रोना है, तो उनके लिये जो हम पे निसार है, उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है|
25. पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्योकि इंसान थे हम, आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं, कभी उसी सक़्स की जान थे हम|
26. ना मुस्कुराने को जी चाहता है, ना आंसू बहाने को जी चाहता है, लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में, बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है|
27. सब ने चाहा कि उसे हम ना मिलें, हम ने चाहा उसे ग़म ना मिलें, अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर, तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें|
28. आप हमारे लिए एक फूल है, जिसे तोड़ भी नहीं सकते और छोड़ भी नहीं सकते, क्योंकि तोड़ दिया तो मुरझा जाएगा, और छोड़ दिया तो कोई और ले जाएगा|
29. दिल तो कहता है कि छोड़ जाऊं ये दुनियां हमेशा के लिए, फिर ख्याल आता है कि वो नफरत किस से करेंगे मेरे चले जाने के बाद|
30. काश कि वो लौट के आयें मुझसे ये कहने, कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले|
31. धोखा दिया था जब तूने मुझे, जिंदगी से मैं नाराज था, सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं, मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था|
32. दिल टूटा तो एक आवाज आई, चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई, सोचा क्या होगा इस खाली दिल में, लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई|
33. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको, किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको, पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा, अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको|
34. तुम्हारे प्यार में हम बैठें हैं चोट खाए, जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये, फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ, हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये|
35. वो मुझे भूल ही गया होगा, इतनी मुदत कोई खफा नहीं रहता|
36. दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया, खाली ही सही हाथों में जाम तो आया, मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने, यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया|
37. अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़, वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे|
38. मुझे मालूम है मैं उसके बिना जी नहीं सकती, उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये|
39. तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है, मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते हैं|
40. वो जिसे समझती थी ज़िन्दगी, मेरी धड्कनों का फरेब था| मुझे मुस्कुराना सिखा के, वो मेरी रूह तक रुला गयी|
41. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती|
42. जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये|
43. चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे, अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे, हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के, हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे|
44. जनाजा मेरा उठ रहा था, फिर भी तकलीफ थी उसे आने में, बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी, और कितनी देर है दफनाने में|
45. इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ, कुछ वो बेवफा हो गए|
46. मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं, मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी|
47. समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी|
48. मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी|
49. इंसान तो हर घर में पैदा होता है पर इंसानियत कहीं कहीं ही जनम लेती है|
50. शिकवा तकदीर का ना शिकायत अच्छी, खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी|
51. हर एक चीज़ में खूबसूरती होती है , लेकिन हर कोई उसे देख नहीं पाता|
52. सालो बाद मिले थे, हम एक दूसरे से, उसकी गाडी बड़ी थी और मेरी दाढ़ी|
53. लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कल एक खुराक तेरे दीदार की चाहिए|
54. मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखता हूँ, मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहज़े याद रखता हूँ, जरा सा हट के चलता हूँ, ज़माने की रवायत से जो सहारा देते हैं वो कन्धे हमेशा याद रखता हूँ|
55. भटकती फिरती है मोहब्बत हवस के नाम पर दो रूहो का मिलन देखे जमाना बीत गया|
56. रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं, प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं, इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं|
57. आदत नई हमे पीठ पीछे वार करने की, दो शब्द कम बोलते है पर सामने बोलते है|
58. उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा|
59. कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया| कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया|
60. जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है, जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है| इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है, वो अमानत अक्सर किसी और की होती है|
61. लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है|
62. क़दर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं, दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है|
63. ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी| धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा|
64. बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी| वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है|
65. प्यार में सबसे बड़ा खुशनसीब वह, जो झुक जाए और सबसे बड़ा बदनसीब वह जो अकड़ जाए|
66. इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा| मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि, आज आयेगा कोई पैगाम तेरा|
67. तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं| ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं|
68. अब जो मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर देना, मैं जैसा पहले था मुझे फिर से वैसा कर देना|
69. हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं, कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है|
70. तुम लाख छुपाओ सीने में एहसास हमारी चाहत का| दिल जब भी तुम्हारा धड़का है आवाज यहां तक आई है|
71. तू ज़ुल्म कहॉं तक ढायेगा देखें किस हद तक जायेगा| हॉं झूठ फ़ना होगा इक दिन और सच का अलम लहरायेगा|
72. जिन्दगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा ही रह गया, हम सीख न पाये फरेब और दिल बच्चा ही रह गया|
73. मुस्करा कर देखो तो सारा जहा रंगीन है| वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है|
74. उदासी, शाम, तन्हाई, यादे, बेचैनी मुझे सब सौंपकर सुरज उतर जाता है पानी मे|
75. सौ दर्द हैं महोब्बत में बस एक राहत हो तुम| नफ़रतें बहुत हैं जहाँ में बस एक चाहत हो तुम|
76. एक तेरा नाम लेते ही मेरे चेहरें पर मुस्कान आ जाती है| मै कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हूं, मेरी जान में जान आ जाती है|
77. वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है| न रोते थे कभी काँटों की चुभन से, आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है|
78. शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को| कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए तेरे एक नाम को|
79. हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन, अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को|
80. मुझ पर अपना इश्क यूँ ही उधार रहने दे| बड़ा हसीन है ये कर्ज मुझे अपना कर्जदार रहने दे|
81. तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता| वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता|
83. मैंने सोचा था समझोगे तुम मेरे हालात| लेकिन तुमनें तो ख़्यालात ही बदल दिए|
84. कोई खबर नही उनकों, क्या हम पर गुज़री है अकेले तन्हा तन्हा रातेंदर्द बन कर सीने से उतरी है|
85. एक खता हुई है हमसें, जो तेरा दीदार कर लिया| दुसरा तो गुनाह ही हो गया, जो तुमसें ही प्यार कर लिया|
86. हमने ये नहीं कहा की उसके लिए कोई दुआ मांगे| बस इतना कह्ते है की दुआ में कोई उन को न मांगे|
87. मेरी बर्बादी पर तो कोई मलाल न करना, भूल जाना मेरा ख्याल न करना| हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न आढ़ लेंगे, पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना|
88. है अगर हमारी कोई खता तो साबित कर, अगर बुरे हैं हम तो बुरा साबित कर| तुझे चाहा है हमने कितना तो किया जाने, चल हम बेवफा ही सही तो अपनी वफ़ा साबित कर|
89. यूँ तो हर दिल में एक कशिश होती है| हर कशिश में एक खुवाहिश होती है| मुमकिन नहीं सभी के लिए ताज महल बनाना| लेकिन हर दिन में एक मुमताज़ हिती है|
90. तेरे ख्यालों से धड़कन को छुपा के देखा है, दिल और नजर को बोहुत रुला के देखा है| तेरी कसम तो नहीं तो कुछ नहीं, क्यूंकि मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है|
91. ज़िन्दगी में प्यार का पौदा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती|
92. कभी यादें कभी आँखों में पानी भेज देता है, वो खुद आता नहीं अपनी निशानी भेज देता है|
93. इस दौर में अहसास ए वफ़ा ढूँढने वालो, सेहरा में कहाँ मिलते हैं दीवार के साए|
94. तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर, डूब कर भी तेरे दरिया से मैं प्यासा निकला|
95. मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा, हमें तो कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा, आप तो डर गए हमारी एक ही अदा से, हमें आपकी कसम देकर हजारों ने लूटा|
96. हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को, जो था आइने से नाज़ुक मगर था संगदिल|
97. गजब का प्यार था, उसकी उदास आँखो में, महसूस तक ना होने दिया कि वो छोड़ने वाला है|
98. तू नहीं तो ये नज़ारा भी बुरा लगता है, चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है| ला के जिस रोज़ से छोड़ा है तुने भवँर में मुझको, मुझको दरिया का किनारा भी बुरा लगता है|
99. इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है, तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है|
100. कुछ रिश्तों को कभी भी नाम ना देना तुम, इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम ना देना तुम, ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में, कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम ना देना तुम|
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